Exam Copy Mein Number Katne se bachne ki Tips: कैसे लिखें उत्तर पुस्तिका कि मिलें फुल मार्क्स?
Exam Copy Mein Number Katne se bachne ki Tips: कैसे लिखें उत्तर पुस्तिका कि मिलें फुल मार्क्स?
हेलो स्टूडेंट आज मैंने आपको बताया है कि एग्जाम कॉपी में नंबर कटने से बचने की टिप्स, आखिर कैसे लिखेंगे अपने एग्जाम कॉपी जिससे कि आपको मिले फुल मार्क्स आप सभी फेल होने से बच जाएं और किन-किन बातों का ध्यान रखना है परीक्षा में नीचे अच्छे से पढ़कर समझ लीजिए पूरा प्रोसेस
कॉपी चेकिंग के नियम
आज की इस आर्टिकल में हम आप सभी को बताएंगे कि आपकी एग्जाम की कॉपी कैसे चेक होगी? एग्जामिनर आपकी कॉपी में क्या देखकर नंबर देंगे और क्या देखकर नंबर कट कर लेंगे और कभी-कभी तो स्टूडेंट को फेल भी कर देते हैं तो आप क्या गलती करेंगे, किस आधार पर एग्जामिनर आपको फेल करेंगे? यह भी बताऊंगा इस आर्टिकल में आपकी एग्जाम की कॉपी कैसे चेक होगी और एग्जामिनर क्या देखकर आपको ज्यादा नंबर देंगे और क्या देखकर आपका नंबर कट कर लेंगे,
और अगर आप लोग अपनी एग्जाम की कॉपी में पैसे रखते हैं तो पैसे के बदले में कितना नंबर दिए जाते हैं और पैसे रखने से एग्जाम की कॉपी चेकिंग पर क्या असर पड़ता है, पैसे रखने से नंबर दिए जाते हैं कि नहीं! और अगर दिए जाते हैं तो कितना नंबर दिए जाते हैं सब कुछ आपको हम बताने वाले हैं
आप ध्यान से इस आर्टिकल को पढ़िएगा और समझने की कोशिश कीजिएगा क्योंकि आधा-अधूरा ज्ञान कोई काम का नहीं प्लस खतरनाक भी होता है इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक पढ़कर समझ लीजिए
बोर्ड ऑफिस से कॉपी चेक करने वाले टीचर को आदेश दिया जाता है की कॉपी के सभी पेज को अच्छे से पलट-पलट कर देखें और जिस-जिस पेज में बच्चों ने आंसर लिखा है तो उसे चेक करें और सदा साली खाली पेज को लाल पेन से क्रॉस लगा दे बोर्ड ऑफिस से ऐसा आदेश इसलिए दिया जाता है कि बहुत से बच्चे ना एग्जाम में एक पेज पलटने ने की जगह पर गलती से दो-तीन पेज पलट कर लिखते हैं तो ऐसे में बीच के पेज खाली छूट जाते हैं और फिर कॉपी चेक करने वाले टीचर को लगता है कि बच्चे ने यही तक लिखा है और फिर आगे की पेज लिखे आंसर को चेक नहीं करते हैं.
तो ऐसे में बच्चों के साथ नाइंसाफी होते हैं इसलिए आप कॉपी चेक करने के नियम में लिखा है कि बच्चे ने सभी पेज में लिखा हो अथवा ना लिखा हो लेकिन टीचर को सभी पेज पलट कर देखते होंगे.
मतलब, अगर आपके कॉपी में 24 पेज है या 28 पेज है तो उन सभी 24 पेज को उन सभी 28 पेज को पलट पलट कर देखते होंगे और जहां-जहां बच्चे ने आंसर लिखा है तो उनको चेक किया जाएगा और जो जो पेज सदा है खाली है तो उसे लाल पेन से क्रॉस लगा दिया जाएगा
अब एग्जामिनर जब भी आपके कॉपी चेक करते हैं तो कुछ इंपॉर्टेंस चीज को देखकर आपको अच्छे नंबर देते हैं अब अगर आपके कॉपी में यह इंपॉर्टेंस चीज है तो आपको फुल मार्क्स अच्छे नंबर से पास किए जाएंगे लेकिन अगर आपके कॉपी में इंपोर्टेंट चीज़ नहीं है तो आपका नंबर कट कर लिए जाएंगे आप फेल भी हो सकते हैं.
तो चलिए वह इंपॉर्टेंस चीज को जानते हैं
इंपॉर्टेंस नंबर :- 1
आपको अपनी एग्जाम कॉपी को गंदा नहीं करना है मेरा मतलब ज्यादा कट-क्रॉस नहीं करना है बाय चांस आंसर लिखते-लिखते ज्यादा शब्द गलती हुआ हो तो उस आंसर को पूरे क्रॉस लगाकर फिर से उस क्वेश्चन का न्यू आंसर लिख देना है. और अगर आंसर लिखते-लिखते कहीं-कहीं कोई शब्द गलती लिखा गया हो तो इस सिचुएशन में आपको उस गलती शब्द को इग्नोर कर देना है मतलब कट-क्रॉस नहीं करना है टीचर उतना भी ध्यान से काफी जांच नहीं करते हैं
इंपॉर्टेंस नंबर :- 2
अगर आपका हैंडराइटिंग खराब है तो ज्यादा से ज्यादा कोशिश करना है शुरुआती 1 से 5 बजे तक साफ-साफ लिखने की अब इसके लिए आपको प्रत्यय शब्द में दूरी बनाए रखना है,
मतलब सभी शब्द (वर्ड) के बीच थोड़ा-थोड़ा गैप (स्पेस) बना कर लिखते जाना है अब शब्द के बीच ज्यादा स्पेस भी नहीं होनी चाहिए और कम स्पेस भी नहीं होनी चाहिए आपको बैलेंस मेंटेन करके लिखते जाना है. इस तरह से लिखने पर आपका हैंडराइटिंग अच्छा दिखाएंगे एग्जामिनर को लगेगा, हां बच्चे ने बहुत अच्छा लिखा है तब आपको नंबर अच्छे देंगे आपका एक भी नंबर हैंडराइटिंग पर नहीं कट करेंगे
लेकिन अगर आप शुरुआती 1 से 5 पेज गंदा कर देते हैं मेरा मतलब कट-क्रॉस कर देते हैं तो देखने में अच्छा नहीं लगेंगे एग्जामिनर के सामने फर्स्ट इंप्रेशन नेगेटिव जाएंगे वह सोचेंगे यह बच्चा पढ़ने लिखने में कमजोर है इनको उतना आता जाता नहीं है तो ऐसे में एग्जामिनर के मन में नेगेटिव थॉट बैठ जाएंगे और फिर वह आपको अच्छे नंबर नहीं देंगे आपका नंबर कट करने लगेंगे. और हां आपको जो-जो क्वेश्चन के अंसार अच्छे से आता हो कॉपी के शुरुआती पेज में उन्हीं को लिखेंगे ऐसे में कट-क्रॉस आपका नहीं होगा क्योंकि आप उस क्वेश्चन का आंसर ऑलरेडी अच्छे से जानते हैं तो भला कट-क्रॉस क्यों करेंगे.
इंपॉर्टेंस नंबर :- 3
अगर आपको जो क्वेश्चन के आंसर कुछ भी नहीं आता तो आप उसे छोड़ देते हो लेकिन आपको छोड़ना नहीं है क्योंकि छोड़ेंगे तो उस क्वेश्चन का नंबर कुछ भी नहीं मिलेंगे मेरा मतलब 0 मिलेंगे तो कहा जाता है 0 से अच्छा 1 मतलब जो क्वेश्चन आप नहीं जानते हो, तो उसमें मेरा ट्रिक लगा-लगाकर आप आंसर को लिख देगें लेकिन उस क्वेश्चन की जगह पर सादा पेज, खाली पेज नहीं छोड़ना है, क्योंकि एग्जामिनर खुद कहता है कि बच्चे की कॉपी खाली सफेद नहीं होनी चाहिए उसमें कुछ ना कुछ क्वेश्चंस रिलेटेड आंसर लिखी होनी चाहिए जिससे मुझे भी नंबर देने में बने.
इंपॉर्टेंस नंबर :- 4
आपको कॉपी में इमोशनल बातें जैसे गाना हो गया है, शायरी हो गया, दुख-भरी कहानी हो गया, दर्द-भरी कहानी हो गया, फनी बातें हो गया फनी टाइप का आंसर यह सब आपको नहीं लिखना है क्योंकि कुछ बच्चे कॉपी के साथ शरारती करते हैं वह फनी टाइप के आंसर लिख देता है इस कुछ बच्चे तो इमोशनल बातें लिखकर टीचर को इमोशनल कर देता है उन्हें नंबर देने पर मजबूर कर देता है तो यह सब गलत तरीका है मार्क्स लेने की
निष्कर्ष :-
एग्जामिनर आपकी उत्तर पुस्तिका (कॉपी) को चेक करते समय कुछ इंपॉर्टेंट पॉइंट को ध्यान में रखते हुए आपके कॉपी को चेक करते हैं जो बता दिए आपको
1. कट-क्रॉस करने से बचना है कॉपी में अधिक कट-क्रॉस करने से एग्जामिनर के सामने नेगेटिव इम्प्रैशन जाता है , इसीलिए आंसर में ज्यादा गलती करने पर पूरे आंसर को क्रॉस करके नया आंसर लिखें
2. कॉपी की शुरुआती 1 से 5 पेज तक में हैंडराइटिंग को अच्छा बनाने की कोशिश करेंगे
3. खाली सादा पेज नहीं छोड़ेंगे जो प्रश्न का उत्तर नहीं आता है तो उसे प्रश्न से ही रिलेटेड आंसर लिखने की कोशिश करेंगे
4. इमोशनल बातें नहीं लिखना है जैसे :- गाने, कहानियां या इमोशनल बातें लिखने से बचें यह व्यवहार एग्जामिनर पर गलत प्रभाव डाल सकता है
सही तरीके से उत्तर पुस्तिका (कॉपी) लिखने और प्रेजेंट करने पर ही आपको अच्छे नंबर मिलेंगे
THE END
नोट :- तो यह जानकारी आपको कैसा लगा मुझे कमेंट में बताएं और यह भी बताएं कि आपको किस टॉपिक पर जानकारी चाहिए अपनी मन की बातें कमेंट में रखें
धन्यवाद!