Class 10 Social Science ke Zaroori Questions: Board Exam 2025
Class 10 Social Science ke Zaroori Questions: Board Exam 2025
अगर आप क्लास 10th के स्टूडेंट है और देने जा रहे हैं 2025 बोर्ड एग्जाम। तो यहां पर हम सोशल साइंस के जरूरी सब्जेक्टि क्वेश्चन लेकर आए हैं जो कि आपके परीक्षा (एग्जाम) में आएंगे, तो आप सभी विद्यार्थी जल्दी से इन सभी क्वेश्चन को अपनी तैयारी में शामिल कर लीजिए
1. सूचना के अधिकार आंदोलन के मुख्य कारण क्या थे ?
उत्तर: सूचना के अधिकार की शुरूआत 1990 ई० में राजस्थान के एक अति पिछड़े क्षेत्र भीम तहसील में सर्वप्रथम उठायी गई। उसके अन्तर्गत ग्रामीणों ने प्रशासन से अपने वेतन एवं भुगतान के बिले उपलब्ध कराने को कहा। ग्रामीणों को लग रहा था कि उन्हें दी गई मजदूरी में भारी घपला हो रहा है।
2. भारत में सहकारिता आंदोलन कैसे शुरू हुआ ?
उत्तर: 1904 ई० में सहकारिता साख समिति विधान पारित होने के बाद भारत में सहकारिता की शुरूआत हुई । इस क्षेत्र में सुधार हेतु 1912 ई० में एक और अधिनियम बनाया गया । इस नए अधिनियम में ऋण के अतिरिक्त अन्य उद्देश्यों के लिए सहकारी समितियाँ स्थापित करने की व्यवस्था की गई । 1935 ई० में रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया की स्थापना हुई। इसके अन्तर्गत एक कृषि साख विभाग का संगठन किया गया।
3. आय का गरीबी के साथ संबंध स्थापित करें ।
उत्तर: प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होना इस बात का द्योतक है कि राष्ट्रीय आय में वृद्धि हुई है। अतः जब प्रति व्यक्ति आय में कमी होगी तो राष्ट्रीय आय में भी कमी होगी। अतः प्रति व्यक्ति आय में कमी होने से गरीबी भी बढ़ेगी । जैसे-जैसे प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी उसकी गरीबी भी दूर होती जाएगी ।
4. लोकतंत्र में विरोधी पक्ष की भूमिका का उल्लेख करें ।
उत्तर: चुनाव हारने वाले दूल, जो सरकार बनाने में असफल रहते हैं, विरोधी पक्ष की भूमिका निभाते हैं तथा वे सरकार के कामकाज, नीतियों एवं असफलताओं को आलोचना करने का महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं। वे तानाशाही सत्ता को अपनाने से सरकार को रोकते हैं। विरोधी दल सदन में कुछ विधियों का प्रयोग करते हैं, जैसे-अविश्वास प्रस्ताव और ध्यानाकर्षण। विधायिका से बाहर भी वे सरकार की संगठित आलोचना जारी रखते हैं। विरोधी पृक्षों का काम विरोध करना, पोल खोलना तथा सत्ता से उतारना माना जाता है। इस प्रकार उनका उद्देश्य देश में एक बेहतर शासन सुनिश्चित करना होता है।
5. भारत में किस तरह जातिगत असमानताएँ जारी हैं ? स्पष्ट करें।
उत्तर: संवैधानिक उपबंधों के बावजूद जातीय व्यवस्था अपने प्राचीन रूप में सामाजिक व्यवस्था का अंग बनी हुई है। यद्यपि इसमें कुछ बदलाव अवश्य हुए हैं। आज भी अन्तर्जातीय विवाह को सामाजिक मान्यता प्राप्त नहीं है। समाज में छुआछूत सम्बन्धी प्रचलन अभी भी मौजूद है। आज भी जाति तथा आर्थिक हैसियत में सह सम्बन्ध बना हुआ है। कुछ प्रभावी जातियों को समाज में वर्चस्व है आर्थिक असमानता का मूल कारण जातीय भावना है। आज जाति के सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक पहलू में बदलाव हो रहा है किन्तु धीमी गति से ।
6. सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र में क्या महत्व रखती है ?
उत्तर: सत्ता की साझेदारी की जरूरत प्रत्येक समाज में होती है लोकतंत्रात्मक शासन व्यवस्था में इसका व्यापक महत्त्व है। लोकतंत्र में शासन की सम्पूर्ण शक्तियों का स्रोत जनता में ही निहित होता है। जनता स्वशासन की विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से अपना शासन चलाती है। जनता प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से अपना प्रतिनिधि चुनती हैं, जो सरकार का निर्माण करते हैं। अपने मताधिकार का प्रयोग कर सरकार को अपदस्थ भी कर सकती है। यदि समाज के विभिन्न वर्गों को उचित सम्मान और प्रतिनिधित्व नहीं दिया जाय तो समाज में हिंसक संघर्ष या गृह-युद्ध की स्थिति बन जाती है। समाज का विकास अवरुद्ध हो जाता है। यदि विभिन्न समूहों को उचित पहचान व सत्ता में साझेदारी नहीं मिलती है तो उनके असंतोष एवं संघर्ष से सामाजिक विभाजन, राजनैतिक अस्थिरता, सांस्कृतिक ठहराव व आर्थिक गतिरोध उत्पन्न होते हैं। हैं। उदाहरणस्वरूप श्रीलंका में में शासन द्वारा तमिलों के हितों की निरंतर उपेक्षा के कारण बहुसंख्यक सिंहलियों और तमिलों के बीच के हिंसक संघर्ष ने भीषण गृह-युद्ध का रूप ले लिया। दूसरी ओर बेल्जियम ने विभिन्न भाषाई और जातीय समूहों के बीच पनपते टकराव को सत्ता में साझीदार बनाकर दूर किया। इस प्रकार राजनैतिक समाज की एकता, अखंडता एवं वैधता के लिए सत्ता की साझेदारी अनिवार्य शर्त है। लोकतंत्र की सफलता विभिन्न समूहों को शासन में साझीदार बनाने में ही सम्भव है।
7. भारतवर्ष में लोकतंत्र के भविष्य को आप किस रूप में देखते हैं ?
उत्तर: निःसंदेह भारतीय लोकतंत्र की साख दुनिया में बड़ी है। लोकतंत्र के उत्तरोत्तर विकास में जनता की भागीदारी में विस्तार हुआ। फिर भी भारत का लोकतंत्र उतना परिपक्व नहीं हुआ है जितना होना चाहिए था। शिक्षा की उत्तरोत्तर प्रगति से ही भारतवर्ष में लोकतंत्र का एक संभव है
8. सामान्य संचार व्यवस्था के बाधित होने के कारणों को संक्षेप में लिखें ।
उत्तर: सामान्य संचार-व्यवस्था के बाधित होने का प्रमुख कारण निम्न हैं:
(a) केबुल टूट जाना
(b) बिजली आपूर्ति का बाधित होना
(c) संचार भवनों के ध्वस्त होने पर संचार यंत्रों का क्षतिग्रस्त होना
(d) ट्रांसमीशन टावर का क्षतिग्रस्त हो जाना
9. आग लगाने की स्थिति में क्या प्रबंधन करना चाहिए ?
उत्तर: आग लगने की स्थिति में निम्नलिखित प्रबंधन की आवश्यकता –
(i) आग पर सर्वप्रथम नियंत्रण स्थापित करना
(ii) आग में फंसे हुए व लोगों एवं मवेशियों को बाहर निकालना
(iii) आग से प्रभावित लोगों को तत्काल उपचार की व्यवस्था
(iv) आग के दौरान छत में फँसे लोगों को सीढ़ी – द्वारा उतारने का कार्य किया जाना चाहिए ।
10. नगर निगम के प्रमुख कार्यों को लिखें ।
उत्तर: नगर निगम के प्रमख कार्य निम्नलिखित हैं
(i) नगर क्षेत्र की नालियों,पेशाबखाना, शौचालय आदि का निर्माण करना एवं उसकी देखभाल करना ।
(ii) कूड़ा-कर्कट तथा गंदगी की सफाई करना । (iii) पीने के पानी का प्रबंध करना ।
(iv) गलियों, पुलों एवं उद्यान की सफाई एवं निर्माण करना ।
(v) मनोरंजन गृह का प्रबंध करना ।
(vi) आग बुझाने का प्रबंधन् ।
(vii) दुग्धशाला की स्थापना एवं प्रबंधन करना । (viii) खतरनाक व्यापारों की रोकथाम, खतरनाक जानवरों तथा पागल कुत्तों को मारने का प्रबंध करना ।
(ix) विभिन्न कल्याण केन्द्रों जैसे मृत केन्द्र, शिशु केन्द्र, वृद्धाश्रम की स्थापना एवं देखभाल करना ।
(x) जन्म-मृत्यु के पंजीकरण का प्रबंध करना । (xi) नगर की जनगणना करना ।
(xii) नये बाजारों का निर्माण करना ।
(xiii) नगर में बस चलवाना ।
(xiv) श्मशानों तथा कब्रिस्तानों की देखभाल करना ।
(xv) गृह उद्योग तथा सहकारी भंडारों की स्थापना करना आदि ।
11. बाढ़ से होने वाली किन्हीं दो क्षतियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: बाढ़ आने के पश्चात् निम्नलिखित हानियाँ होती हैं :
(क) बाढ़ के कारण ऊपजाऊ मृदा पर लम्बे समय तक जलजमाव हो जाता हैं।
(ख) बाढ़ के दौरान वनस्पति, जीव-जंतुओं की मृत्यु हो जाती है।
(ग) बाढ़ के कारण महामारी, जैसे मलेरिया, हैजा, चेचक जैसे रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है।
(घ) बाढ़ के कारण सड़क एवं रेल मार्ग टूट जाते हैं।
12. सुनामी से बचाव के दो उपायों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: सुनामी से बचाव के दो उपाय निम्नलिखित हैं :
(1) तटीय क्षेत्रों के समीप रहने वाले लोगों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
(2) समुद्र के नजदीक कंक्रीट तटबंधों का निर्माण किया जाए ।
13. होआ-होआ आंदोलन की विवेचना करें।
उत्तर: होआ हाओ एक वियतनामी बौद्ध धार्मिक आंदोलन था। इसकी शुरूआत वर्ष 1939 में बौद्ध सुधारक हुइन्ह फु सोने की थी। द्वितीय विश्वयुद्ध में जापानी कब्जे के दौरान होआ हाओ का तेजी से विकास हुआ । युद्ध के बाद यह वियतनामी राजनीति में एक स्वतंत्र बल के रूप में जारी रहा, दोनों फ्रांसीसी उपनिवेशवादियों और हो ची मिन्ह के विएत मिन्ह राष्ट्रवादी आंदोलन का विरोध किया । 1954 के बाद होआ हाओ और काओ दाई ने राष्ट्रपति नागा दिन दीम की अमेरिकी समर्थित सरकार के लिए सशस्त्र विद्रोह शुरू किया ।
14. कृषि आधारित उद्योग और खनिज आधारित उद्योग में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर: कृषि पर आधारित उद्योग-
(i) इन उद्योगों को कच्चा माल कृषि से मिलता है।
(ii) ये उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं।
(iii) ये अधिकतर उपभोग्य वस्तुओं का ही उत्पादन करते हैं।
(iv) उदाहरण-चीनी, पटसन, वस्त्र तथा वनस्पति तेल आदि उद्योग
खनिज पर आधारित उद्योग-
(i) इन उद्योगों को कच्चा माल खनिज से मिलता है।
(ii) ये उद्योग ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं।
(iii) ये अधिकतर उपभोग्य वस्तुओं का ही उत्पादन करते हैं।
(iv) उदाहरण-चीनी, पटसन, वस्त्र तथा वनस्पति तेल आदि उद्योग ।
खनिज पर आधारित उद्योग-
(i) इन उद्योगों को कच्चा माल खनिज से
मिलता है।
(ii) ये उद्योग ग्रामीण तथा शहरी दोनों क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करते हैं।
(iii) ये उपभोग तथा मूल्य पर आधारित दोनों प्रकार की वस्तुओं का उत्पादन करते हैं।
(iv) उदाहरण-लोहा-इस्पात, इंजीनियरिंग उद्योग, पोत-निर्माण, मशीनी उपकरण आदि ।
15. स्थानिक ऊँचाई से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: स्थानिक ऊँचाई-स्थानिक ऊँचाई विधि भी स्थलाकृतियों को प्रदर्शित करने की एक गणितीय विधि है। तल चिह्न की सहायता से किसी स्थान विशेष की मापी गई ऊँचाई को स्थानिक ऊँचाई (Spot Height) कहा जाता है। इस विधि में सर्वेक्षण द्वारा प्राप्त की गई समुद्र तल से किसी स्थान की वास्तविक ऊँचाई प्रकट की जाती है। इसमें उस क्षेत्र की ढाल को नहीं पढ़ा जा सकता है। इस विधि में बिन्दुओं के द्वारा मानचित्र में विभिन्न स्थानों की ऊँचाई को संख्या में लिख दिया जाता है।
16. लौह एवं अलौह खनिजों में अन्तर स्पष्ट करें
उत्तर- (क) लौह खनिज-जिन खनिजों में लौह अयस्क पाया जाता है, उन्हें लौह खनिज कहते हैं। लौह अयस्क, मैगनीज, निकल, कोबाल्ट आदि लौह खनिज के महत्वपूर्ण उदाहरण हैं।
(ख) अलौह खनिज-जिन खनिजों में लौह अयस्क के अतिरिक्त अन्य धातुएँ होती हैं उन्हें अलौह खनिज कहते हैं। ताँबा, सीसा, जस्ता तथा बॉक्साइट आदि अलौह खनिज के उदाहरण हैं।
17. उद्योगों से प्रदूषण कैसे फैलता है ?
उत्तर: उद्योग प्रदूषण का प्रमुख कारक है। उद्योगों में ऊर्जा संसाधन के प्रयोग से अर्थात् चिनियों के धुएँ से वायु प्रदूषण फैलता है। इसमें प्रयुक्त जल तथा उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट जलाशयों में प्रवाहित किए जाते हैं, जिससे विभिन्न प्रकार के रसायन जल में घुलनकर प्रदूषित करते हैं। इसे मृदा प्रदूषण व भूमि प्रदूषण भी फैलता है।
18. चिपको आन्दोलन के मुख्य उद्देश्य क्या थे ?
उत्तर: चिपको आंदोलन के मुख्य उद्देश्य-
(ii) वन्य जीव की सुरक्षा ।
(iii) मिल मालिकों के शोषण से मुक्ति ।
19. पंचायती राज क्या है ?
उत्तर: ग्रामीण स्थानीय सरकार पंचायती राज के नाम से जानी जाती हैं।
महत्व-
(i) यह लोगों को निर्णय लेने में सीधे रूप से भाग लेने में मदद करता है।
(ii) यह सत्ता के विकेंद्रीकरण में मदद करती है।(iii) यह केंद्र सरकार के काम के दबाव को कम करता है।
20. दबाव-समूह की परिभाषा दें।
उत्तर: विभिन्न पेशाओं और व्यवसाय से जुड़े लोग अपने-अपने हित समूहों का अर्थात् संघ का गठन करते हैं। ऐसे समूह अपने-अपने हितों की पूर्ति के लिए संघर्ष करते रहते हैं और अपने हित में निर्णय लेने के लिए सरकार पर दबाव बनाते हैं और सरकार के निर्णय को प्रभावित करते हैं। ऐसे समूहों को ही दबाव समूह कहते हैं। जैसे किसान मोर्चा, व्यापार मंडल, मजदूर संघ, में कर्मचारी संघ आदि ।
Post Type | Class 10 Social Science ke Zaroori Questions |
Class | 10th Class |
Subject | Social Science |
Manisha kumari
Sir hamko 20 din ma tayari karna hai