Class 12 Chemistry ke Most Important Questions 2025 Board Exam ke liye

Class 12 Chemistry ke Most Important Questions 2025 Board Exam ke liye

Class 12 Chemistry ke Most Important Questions 2025 Board Exam ke liye

इस पोस्ट में परीक्षा में आने वाला क्वेश्चन दिए हैं जो क्लास 12th केमिस्ट्री से लिया गया है आप जल्दी से अपनी तैयारी में इन सभी क्वेश्चन को शामिल कीजिये 

1. फीनॉल और कार्बोक्सिलिक अम्ल में अंतर स्पष्ट करने के लिए जाँच को लिखें 

उत्तर :- 

परीक्षण फीनॉल कार्बोक्सिलिक अम्ल
 सोडियम बाइकार्बोनेट परीक्षण कोई क्रिया नहीं कार्बन-डाई-ऑक्साइड देता है।
फैरिक क्लोराइड परीक्षण बैंगनी रंग का अवक्षेप देता है । हल्का पीला रंग का अवक्षेप ऐल्किन ब्रोमाइड बनाता हैं।
ब्रोमीन के सिल्वर लवण के साथ अभिक्रिया कोई क्रिया नहीं

2. मेथेनोइक अम्ल और ईथेनोइक अम्ल में अंतर स्पष्ट करने के लिए जाँच को लिखें 

उत्तर :- 

परीक्षण मेथेनोइक अम्ल (फोर्मिक अम्ल) ईथेनोइक अम्ल (एसिटिक अम्ल)
सूत्र HCOOH CH3COOH
अमोनिया, AgNO3 घोल से प्रतिक्रिया Ag दर्पण बनाता है। कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है।
HgCl₂ से प्रतिक्रिया Hg2Cl₂ का उजला अवक्षेप बनता है । कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है ।
Cl₂ के साथ प्रतिक्रिया  कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है। ट्राइक्लोरो एसीटिक अम्ल बनता है ।

CH3COOH + 3Cl2→CC13COOH + 3HCl

अम्लीय KMnO4 के साथ प्रतिक्रिया । घोल रंगहीन हो जाता है। कोई प्रतिक्रिया नहीं

3. मथेनोइक अम्ल तथा एथेनोइक अम्ल में अन्तर करें।

उत्तर :- 

मिथेनोईक अम्ल (HCOOH) इथेनोइक अम्ल (CH3COOH)
(i) मिथेनोइक अम्ल टॉलेन अभिकर्मक को सिल्वर दर्पण में अवकृत करता है। (i) इथेनोइक अम्ल टॉलेन अभिकर्मक को सिल्वर दर्पण में अवकृत नहीं करता है।
(ii) मिथेनोइक अम्ल फेहलिंग विलयन को लाल क्यूप्रसू ऑक्साइड में अवकृत, करता है। (ii) इथेनोइक अम्ल फेहलिंग विलयन को लाल क्यूप्रस ऑक्साइड में अवकृत नहीं करता है।
(iii) मिथेनोइक अम्ल को HgCl₂ का उजला अवक्षेप तथा Hg का काला अवक्षेप देता है। (iii) इथेनोइक अम्ल HgCl, घोल की अवकृत नहीं करता है।

4. लायोफॉबिक कोलाइड एवं लायोफीलिक कोलाइड में क्या अंतर है?

लायोफॉबिक कोलाइड एवं लायोफीलिक कोलाइड में निम्न अंतर है :- 

लायोफॉबिक कोलाइड लायोफीलिक कोलाइड
(i) यह Tydall effect शो करता है। (i) यह Tyndall effect शो नहीं करता है।
(ii) यह घुलनशील नहीं होता है। (ii) यह बहुत ही घुलनशील होता है।
(iii) इसका viscocity dispersion medium के बराबर होता है। (iii) इसका viscocity dispersion medium से अधिक होता है।

5. भौतिक अधिशोषण और रासायनिक अधिशोषण में मुख्य अंतर क्या है ?

उत्तर:- भौतिक अधिशोषण तथा रासायनिक अधिशोषण में अंतर निम्न है-

भौतिक अधिशोषण रासायनिक अधिशोषण
(i) अधिशोषण और अधिशोषण के बीच वान्डरवॉल बल होता है । (i) अधिशोषण एवं अधिशोषण के बीच प्रबल रासायनिक बंध होता है ।
(ii) अधिशोषण की ऊष्मा कम होती है (20-40 kJ/mol) (ii) अधिशोषण की ऊष्मा उच्च होती है (80 – 240 kJ/mol)
(iii) यह उत्क्रमणीय होता है । (iii) यह अनुत्क्रमणीय होता है ।
(iv) यह कम ताप पर होता है तथा ताप में वृद्धि के साथ घटता है । (iv) यह उच्च ताप पर होता है ।

6. (a) जिंक ब्लेन्ड अयस्क से जस्ता धातु के निष्कर्षण के सिद्धान्त का वर्णन करें ।

(b) एल्युमिनियम सान्द्र H₂SO₄ से कैसे अभिक्रिया करता है ?

उत्तर:- (a) जस्ता धातु का निष्कर्षण जिंक ब्लेण्ड अयस्क से निम्नलिखित चरणों में होता है:

(i) अयस्क का सांद्रण:- जिंक ब्लेण्ड अयस्क का सांद्रण फेन उत्पादन विधि से किया जाता है

      2ZnS+3O2→2ZnO+2SO2↑

(ii) जारण:- सांद्रित जिंक ब्लेण्ड अयस्क का जारण करने से ZnO प्राप्त होता है।

          ZnO+C→ Zn + CO

(iii) जस्ते का शुद्धिकरण:- अशुद्ध जस्ते का शुद्धीकरण आंशिक श्रवण द्वारा किया जाता है।

(b) Al गर्म एवं सान्द्र H2SO4 से अभिक्रिया कर SO₂ गैस बनाता है।

2 Al+6H2SO4 → Al2(SO4)3 + 6H2O+3SO2↑

7. कॉपर के मुख्य अयस्क क्या है ? कॉपर पायराइट्स से कॉपर का निष्कर्षण कैसे किया जाता है?

उत्तर:- ताँबा के मुख्य अयस्क –

(i) कॉपर पाइराइट या चाल्को पाइराइट (CuFeS2)

(ii) क्युप्राइट ( Cu2S )

ताँबा का निष्कर्षण- इसे कॉपर पाइराइट अयस्क से निष्कर्षित किया जाता है। इसे एक रिभरबरेटरी भट्टी में भर्जन/गलन किया जाता है।

2CuFeS2+O2→Cu2S+2FeS + SO2

Cu2S तथा FeS का कुछ भाग क्रमशः Cu2O तथा FeO में ऑक्सीकृत हो जाता है

2Cu2S + 3O2 → 2Cu2O + 2SO2

2FeS + 3O2 → 2FeO + 2SO2

भर्जित अयस्क को सिलिका (अम्लीय फ्लस्क) तथा कोक को मिश्रित कर परावर्तनी भट्टी (वात्या भट्टी) में गर्म किया जाता है। भट्टी में आयरन ऑक्साइड, आयरन सिलिकेट के रूप में धातुमल बनाता है तथा कॉपर, मेट के रूप में प्राप्त होता है। इसमें Cu2S तथा FeS होते हैं।

FeO + SiO2→ FeSiO3 (धतुमला )

इसके बाद कॉपर मेट को सिलिका परत चढ़ें परिवर्तक (बेसिमर परिवर्तक) में भर दिया जाता है। कुछ सिलिका भी मिलाते हैं तथा बचे हुए FeS, FeO तथा Cu2S / Cu2O को घात्विक कॉपर में परिवर्तित करने के लिए गर्म वायु के झोंके करते हैं। स्वअपचयन से कॉपर की प्राप्ति में निम्नलिखित अभिक्रियाएँ संपन्न होती हैं —

2FeS+3O2 → 2FeO + 2SO2

FeO+SiO2→ FeSiO3

2Cu2S + 3O2 → 2Cu2O + 2SO2

2Cu2O+Cu2S → 6Cu + SO2

प्राप्त कॉपर (ताँबा), SO2 के निकलने के कारण फफोलेदार दिखाई देता है, इसलिए यह फफोलेदार ताँबा (ब्लिस्टई कॉपर) कहलाता है।

ताँबा का शोधन- ताँबे का शोधन वैद्युत अपघटनी विधि के द्वारा किया जाता है। अशुद्ध कॉपर एनोड के रूप में तथा शुद्ध कॉपर पत्री कैथोड के रूप में लेते हैं। कॉपर सल्फेट का अम्लीय विलयन वैद्युत अपघटनीय होता है। तथा वैद्युत अपघटन के वास्तविक परिणामस्वरूप, शुद्ध कॉपर एनोड से कैथोड की तरफ स्थानांतरित हो जाता है।

ऐनोड : Cu → Cu^ 2+ +2e^ –

कैथोड : Cu^ 2+ +2e^ – → Cu (शुद्ध कॉपर)

8. उत्कृष्ट गैसों की परमाणु त्रिज्या तुलनात्मक रूप से बड़ी होती है। क्यों?

उत्तर- अपने अंतरालों में आदर्श गैसों का आकार बड़ा है। आदर्श गैस परमाणु नहीं बनाती। इनमें केवल वान डर वाल्स आकर्षण ही वान डर वाल्स त्रिज्या, सहसंयोजी त्रिज्या से बढ़ी होती है ज्योंही हम वर्ग में नीचे की ओर जाते हैं तब इनका आकार बढ़ता है क्योंकि कक्षकों की संख्या बढ़ती जाती है।

9. संचायक बैटरी से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- लम्बे समय तक बार-बार प्रयोग किया जानेवाला बैटरियाँ संचायक बैटरी कहा जाता है जिनके उपयोग के बाद विपरीत दिशा में विद्युतधारा के प्रवाह द्वारा पुनः आवेशित कर पुनः प्रयोग में लाया जाता है। उदाहरण-Lead-storage battery,

10. फिनॉल अल्कोहल से ज्यादा अम्लीय है। क्यों?

उत्तर- फिनॉल में अनुनाद (resonance) के कारण ऑक्सीजन परमाणु पर आंशिक धन आवेश आ जाता है जिसके कारण -OH समूह से H+ आयन का मुक्त होना आसान हो जाता है जबकि ऐल्कोहॉल में ऐसा नहीं होता है।

11. प्रमाणित करें कि प्रथम-कोटि अभिक्रिया का अर्द्ध- जीवनकाल आरम्भिक सान्द्रण पर निर्भर नहीं करता है।

उत्तर- हम जानते हैं कि K =  2.303/t log {a/(a-x)}

अगर t = t1/2 तब x = a/2

अतः K = 2.303 / t1/2 • log {a/(a-a/2)}

  ⇒  K = 2.303 / t1/2 • log2

  ⇒   K = (2.303 × 0.3010) / t1/2

  ⇒   K = 0.6932 / t1/2

  अतः   t1/2 = 0.6932 / K

       t1/2 ∝ 1/ K

स्पष्टतः प्रथम कोटि अभिक्रिया का अर्द्धकाल उसके अभिकारकं के प्रारंभिक सान्द्रण पर निर्भर नहीं करता है।

12. छदम प्रथम कोटि की अभिक्रिया क्या है? उदाहरण दें 

उत्तर :- छदम प्रथम क्रम अभिक्रिया हुआ अभिक्रिया है जो प्रथम क्रम प्रतीत होती है लेकिन वास्तव में नहीं होती, क्योंकि एक या अधिक अभिकारक अन्य की तुलना में बहुत अधिक सांद्रता में मौजूद होती है. उदाहरण — एथिल एसीटेट का एसिड–उत्प्रेरित हाइड्रोलिसिस. 

नोट :-  आपको किस सब्जेक्ट का क्वेश्चन चाहिए मुझे कमेंट में बताए और इन सभी क्वेश्चन को जल्दी से तैयारी कीजिये 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top

About the Author

मेरा नाम गुलशन शर्मा है, और मैं पिछले 5 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहा हूँ। मेरा उद्देश्य है छात्रों की परीक्षा तैयारी को आसान और प्रभावी बनाना, ताकि वो अच्छा रिजल्ट बना सके और फेल होने से बच सके. विशेषज्ञता: मैं गणित और बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में विशेषज्ञ हूँ। मेरी वेबसाइट gulshanmathstudy.com पर मैं छात्रों को पढ़ाई आसान बनाने के लिए टिप्स, महत्वपूर्ण प्रश्न और अच्छी तैयारी की प्लान बताता हूं कांटेक्ट करें: ईमेल: gshort053@gmail.com Youtube : Gulshan Math Study

Written by: Gulshan Math Study